shayari in hindi No Further a Mystery
shayari in hindi No Further a Mystery
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हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
जहाँ तक रास्माता मालूम था हमसफर चलते गए,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
न जाने उससे मिलने का इरादा कैसा लगता है,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
जो मेरा हो नहीं पाया, quotesorshayari वो तेरा हो नहीं सकता।
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
वो किताबें भी जवाब माँगती हैं जिन्हें हम,
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,